ગુરુવાર, 10 ઑક્ટોબર, 2013

रोये मुस्कुराके कांपे अंगडाई !!


मेरी दास्तां मुजे ही मेरा दिल सुना के रोये
कभी रोये मुस्कुराके कभी मुस्कुराके रोये
हमें वास्ता तडपने से हमें काम आंसुओंसे
तुझे याद करके रोये या तुझे भुला के रोये
वो जां आजमा रहे थे, मेरी बेकरारीओंका
मेरे साथ साथ वो भी मुझे आजमा के रोये
-----------रेखा शुक्ला
सुलगे तन्हाई युं थंडी आग लगाई
कांपे अंगडाई जादु चिंगारी जलाई
---रेखा शुक्ला 

1 ટિપ્પણી:

  1. वो जां आजमा रहे थे, मेरी बेकरारीओंका
    मेरे साथ साथ वो भी मुझे आजमा के रोये
    very very nice even you are good at hindi gazal..keep it up.

    જવાબ આપોકાઢી નાખો