ગુરુવાર, 10 ઑક્ટોબર, 2013

यारो सब दुआ करो मिल के फरियाद करो ...


खामोश बारात तारों की
जश्न-ए-बहारा नजाकत की
इबादत आपकी आंखोकी
चुम गई आपसे बगावतकी
----रेखा शुक्ला*********************
बारबार ली इन्तहां कु्छ भी नहीं की खतां
आह निकल जाती है कित्नी की जफां !!
---रेखा शुक्ला**********************
प्यार परींदा लो आबाद कर गया
मुजको ही मुज से रिहा कर गया
---रेखा शुक्ला**********************

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