दिल की किताब बस कोरी-कोरी
फेस-बुक मे भाये सब छोरी-गोरी
भागे मिसके पीछे जो तोरी
बोले फिर वो सोरी-सोरी
घरकी दिवाले तो फेस-बुक सी घेरी
पहेलियां बुझाती फोरी- फोरी
बैठा देख कहा रख्खीं हैं दोरी
सबकी सबसे Like है दोरी
-रेखा शुकल
કાલ્પનિક દુનિયામાંથી વસ્તવિકતાની ધરતી પર રૂમઝુમ ચાલે ચાલતી મારી કવિતા નવોઢા બની શરમાય છે....