ગુરુવાર, 17 ઑક્ટોબર, 2013

फिर मिलेंगे


फुलने कहा फुलोंसे सदा खुश रहो, फेसबुक गुलदस्तां जहां हैं
झुक के करे सलाम, लाये प्यार का पैगाम, रिश्तोंका जहां हैं
रिश्तें मिले सफरमें सबसे मिले, कदम चुमे खुशिका जहां हैं 
महेंका करेंगे जहां देखो कली, छुट रहा हुमसे ये अब जहां हैं
---रेखा शुक्ला (फिर मिलेंगे वापिस आनेका वादा करते हैं)

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો