खतायें आजुबाजु बिचमे तंग होता है
चडे बिचमे जवानी का रंग होता है...!
जानबुझ कर शरारत का ढंग होता है
चुम्माचुम्मी खुलेआम दंग होता है..!
औरत है शक्ति जानले तो अंग होता है
थी मेनका शिवजीका तपोभंग होता है !
प्यार का लहु जैसा रंगी संग होता है
जिस्मे जान जुदा खुदा संग होता है..!
---रेखा शुक्ला
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