रात अकेली टीमटीमाई हैं
वो आज मेरे लिये छाई है
----रेखा शुक्ला
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नंगे पांव दौडी चली आई खुशी
इतनी तो इजाजत देदो
सांसो का बोझ हलका करदो खुशी
----रेखा शुक्ला
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तशरीफे इश्क यारा, यु हुश्न पे छाया है
गुलसिते जहां प्यारा, उम्मीद पे भाया हैं
-----रेखा शुक्ला
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सितम सेह रही वो आखिर मे हैं भागी
गुमशुदा हैं, उम्र कटी दूर दूर हैं भागी
----रेखा शुक्ला
वो आज मेरे लिये छाई है
----रेखा शुक्ला
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नंगे पांव दौडी चली आई खुशी
इतनी तो इजाजत देदो
सांसो का बोझ हलका करदो खुशी
----रेखा शुक्ला
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तशरीफे इश्क यारा, यु हुश्न पे छाया है
गुलसिते जहां प्यारा, उम्मीद पे भाया हैं
-----रेखा शुक्ला
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सितम सेह रही वो आखिर मे हैं भागी
गुमशुदा हैं, उम्र कटी दूर दूर हैं भागी
----रेखा शुक्ला
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