રવિવાર, 13 સપ્ટેમ્બર, 2015

टीमटीमाई हैं....

रात अकेली टीमटीमाई हैं
वो आज मेरे लिये छाई है
----रेखा शुक्ला

***************************************
नंगे पांव दौडी चली आई खुशी
इतनी तो इजाजत देदो 
सांसो का बोझ हलका करदो खुशी
----रेखा शुक्ला

*****************************************

तशरीफे इश्क यारा, यु हुश्न पे छाया है
गुलसिते जहां प्यारा, उम्मीद पे भाया हैं 
-----रेखा शुक्ला

**********************************************
सितम सेह रही वो आखिर मे हैं भागी
गुमशुदा हैं, उम्र कटी दूर दूर हैं भागी 
----रेखा शुक्ला

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો