શનિવાર, 6 એપ્રિલ, 2013

ईश्क की नज्म ...!! *******************************************

सुन अप्रिल तुम उसे बुलादो
वो फुलोंका बिछोना मिलादो
समयका गुजरना तो रुकादो...!!
वो पिया संग सितारे, छत दिखादो
वो छैया...वो कच्ची केरीका
मेरी हथेली में कैद होना
सुन अप्रिल तुम उसे बुलादो....!!
---रेखा शुक्ला

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો