सुन अप्रिल तुम उसे बुलादो
वो फुलोंका बिछोना मिलादो
समयका गुजरना तो रुकादो...!!
वो पिया संग सितारे, छत दिखादो
वो छैया...वो कच्ची केरीका
मेरी हथेली में कैद होना
सुन अप्रिल तुम उसे बुलादो....!!
---रेखा शुक्ला
वो फुलोंका बिछोना मिलादो
समयका गुजरना तो रुकादो...!!
वो पिया संग सितारे, छत दिखादो
वो छैया...वो कच्ची केरीका
मेरी हथेली में कैद होना
सुन अप्रिल तुम उसे बुलादो....!!
---रेखा शुक्ला
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