શુક્રવાર, 8 મે, 2015

पुकारे आँख मे चढ़ कर दुःखो कोई खूँ समझता है.. ...

पुकारे आँख मे चढ़ कर दुःखो कोई खूँ समझता है.. .....
अँधेरा किसको कहते है ये बस जुगनू समझता है...

उन्हैं कोन जाके सम्जाये दिल क्या क्या सेहता है...
वो बेचारा तो चूप चिल्लाके हरदम रोता रेहता है...

सेह लिया क्या पा लिया पाके क्या क्या खोया है...
सारी रात जागे नैना, तो चैन से कोई सोया है...!
---रेखा शुक्ला

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો