पुकारे आँख मे चढ़ कर दुःखो कोई खूँ समझता है.. .....
अँधेरा किसको कहते है ये बस जुगनू समझता है...
उन्हैं कोन जाके सम्जाये दिल क्या क्या सेहता है...
वो बेचारा तो चूप चिल्लाके हरदम रोता रेहता है...
सेह लिया क्या पा लिया पाके क्या क्या खोया है...
सारी रात जागे नैना, तो चैन से कोई सोया है...!
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