उम्मीद मुस्कुराये
उम्मीद मुस्कुराये तो आशायें बढ गई
फिर लगे घांव तो बाधाये रूठ गई...!!
भर आया फिर दिल कुछ इसतरहा से
अब गुंजाईश नहीं की दिल संभल पाये
दिल भी जलाने से रोशनी न कर पाये
बुने स्केच के पोंधोपे फुल निकल आये
जिंदगी डसती है ख्वाहिशे जब रूलाये
शिशेसे बना आईना लो दिल तोड जाये
---रेखा शुक्ला ०१/३१/१४
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