वो बदन पे बदन चुमते ही रहे
हम भी उन्है आगोशमे लेते रहे
कभी वो घुरते आंखो मे आंखे डालके
हमतो उसकी हंसीमें डुबते रहे
तुमसे भी मिलेंगे वो बडे प्यारसे
गर बुलादो जरा प्यारसे....
सोये हमारी बाहों में बडे आरामसे
रख्खो नीचे तो रुए होठ दिखाके
यही तो उनकी अदा बडी वो है
हंसे तो हंसादे रुए तो रुलादे
सोक्स डायपर न उन्है अरछा लगे
ये बचुभाई मुजे बडे प्यारे लगे....!!
-रेखा शुक्ल(शिकागो)
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