સોમવાર, 16 ડિસેમ્બર, 2013

रहा !!


एक नारी एक म्रुगतॄष्णा...  
पूछ कर क्या मिला...
एकांत सहारा रहा बचपनसे 
बुढापा तक क्रिश्न सहारा रहा  
सिसकती उम्र अस्तित्व का सहारा रहा 
नियति का जहर नकाब खामोश रहा !! 
---रेखा शुक्ला

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો