चले तो कट ही जायेगा सफर आहिस्ता आहिस्ता....
जिन्दा रहे तो मिल्ते रहेन्गे...आहिस्ता आहिस्ता....
मै केहति हुं के मिल्त रहेन्गे तो जिन्दा रहेन्गे...
उस्के पास जाते मगर आहिस्ता आहिस्ता....
चिन्मलोके राझ तो समजो उठेंगे परदें तो आहिस्ता आहिस्ता...
युं कैद कियां बिच अखिंया ....आहिस्ता आहिस्ता....!!
रिटर्न मेल आया शोर मचाये मोर आहिस्ता आहिस्ता...
---रेखा शुक्ला
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