ड्युटी बियोन्ड डेथ, फिर भी कूहू कूहू बोलती कवितांयें हैं ?
ओफ ध रेकोर्ड ट्रेझर ओफ ब्लेसींग्स मुस्काई सिल्की रचना है?
इद्गारॉ दोदारे दिलसे उठे इबादत कोई ईजाजत सरपे हाथ हैं?
सरेआ, सुगलुलोत हुए अल्फाझ्म क्या चाहत बेनाम चातककी हैं?
अन्यमनस्क नजरें धूंधली, क्यां जिंदगी सब की गुलझार हैं ?
रंगकलमसे डूबी कॄतियां, बदली मौसममें सरनामी मूर्तियां हैं ?
रूक्सत करे, अलबिदा कहे,अरे !! रूकावटें शान तख्तों ताज हैं
दुरस्त करे, गौर फर्मायें, अल्फाजे मौन प्यासा हां ये राझ हैं
चूनाव, दंगा, रिश्वतखोर बेहुदे नारें, किसे समजाये आग हैं
झख्मी परिंदे सी आम जनता यहां, कैसी शान किसे नाझ हैं
---रेखा शुक्ला
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