रंगो का तूफान संगे मरमर
सौगात और समजोता सभर
अनोखा बंधन आमने -सामने
कश्मकश रिश्ते आंखोके सितारे
आज ही आजाओ ना...कहोना ! अभी आ जाओ ना
वक्त मिला दे परिंदे और रोश्नी घरकी बन जाओ ना
लाया गया हुं तुम्हारे लिये इस जमीं पे कह भी दो ना
सहमे शीकवे शीशोंकी मुराद लिये अब लौट आओ ना
----रेखा शुक्ला
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